
बिहार में चुनाव अबहीं दूर बा, बाकिर तेज प्रताप यादव जी दिल से लड़ाई सुरु कर दिहले बाड़न। उ कहले बाड़न कि अबकी बार महुआ से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में मैदान में उतरब।
“टीम तेज प्रताप यादव” का खुला दरवाजा
उ कहलन – “हमार टीम कोई पार्टी ना ह, इ त एगो खुला मंच ह जहवाँ हर कोई जुड़ सकेला।”
अब RJD वाले भाई लोग का माथा ठनक गइल बा। कहे के मतलब कि लालू परिवार में सब कुछ ठिक नइखे।
महुआ सीट के जातीय खेला
महुआ, वैशाली जिला के दिल ह। ई सीट यादव और मुस्लिम वोटबैंक से भरल बा – करीब 35% आबादी। साथ ही SC समुदाय के भी 21% योगदान बा।
तेज प्रताप पहिले 2015 में इहे सीट से जीत के मंत्री बनल रहलन। बाद में 2020 में हसनपुर से लड़लन। अब फेरु महुआ के गोदी में लोटे के चाह राखलन बाड़न।
“तेजस्वी भैया के चिंता बढ़ा देहब” – इशारों में वार
तेज प्रताप खुल के नु कहले नइखन, बाकिर उनका बयान से तेजस्वी यादव के पेशानी पर बल पड़ गइल बा।
“जवना टीम में अप्पन बात ना सुनी जाए, उहंवा अब रुकल ना जाला।”
भैया जी, इ बात त साफ बा कि महुआ से चुनाव लड़के तेज प्रताप आरजेडी के वोट में सेंध मारब।
सीट के इतिहास – RJD के गढ़ या दरार?
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2000: दसई चौधरी (RJD)
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2005: शिवचंद्र राम (RJD)
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2010: रविंद्र रे (JDU)
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2015: तेज प्रताप यादव (RJD)
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2020: मुकेश रोशन (RJD)
ई देख के बुझाता कि महुआ त RJD के मजबूत किला रहल, बाकिर अब उहे किला पर घरेलू हमला हो रहल बा।
भोजपुरिया झलक
ई महुआ के मैदान अब अखाड़ा बन चुकल बा।
जइसे WWE में भाइयों के लड़ाई मजेदार होला, वइसही बिहार के सियासत में तेज प्रताप बन गइल बाड़न “निर्दलीय रेसलर।”
अब देखे के बा कि जनता का सोचेले – “भैया तेजस्वी के राजा बनावेला कि तेज प्रताप के लहर में बह जाई?”
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